Wednesday, June 24, 2020

shiva abstract art - Google Search | Lord shiva painting, Shiva ...हे शिव क्या तुम आओगे 


हे शिव !
क्या तुम आओगे
इस कलयुग में जीने को
बोलो, क्या फिर आ पाओगे
एक बार और हलाहल पीने को?

इस बार विष नहीं है साधारण
आना लेकर हरएक निवारण
मथना नहीं है किसी सागर को
पाना नहीं है अमृत की गागर को
इस बार मोहिनी का साथ न होगा
स्वरभानु का गात न होगा 
Mahashivaratri and how to celebrate it – ॐ श्री ...

पग पग पर परीक्षा होगी
हर पथ पर तुम्हारी ही प्रतीक्षा होगी                       
मानव-दानव में भेद नहीं है
साथ तुम्हारे कोई देव नहीं है
कुरुक्षेत्र सा रणक्षेत्र नहीं है
और तुम्हारे पास तीसरा कोई नेत्र भी नहीं है
कर पाओगे?
बोलो क्या तुम आओगे?

मत आना बनकर  अवतारी
व्यापार बना देगी दुनिया सारी
shiva | HappyShappy - India's Best Ideas, Products & Horoscopesकर लेना तुम पूरी तैयारी
मानव को मानव कर देना
हो सके तो दानव में भी मानव सा हृदय रख देना
कर देना तनिक अँधेरा दूर
और लालसा को भेज देना बहुत दूर
छल-प्रपंच और ईर्ष्या भी भगा पाओगे 
बोलो, क्या तुम ये कर पाओगे?
क्या फिर से नीलकंठ बन पाओगे?

तुम तो देवों के भी देव हो
तुम ही तो महादेव हो
एक बार आ जाओ
हमको भी विषपान सिखा जाओ
शायद हम मानव भी जी जाएं
अपने अंदर के विष को पी पाएं
बोलो क्या ऐसा कर पाओगे?
हे शिव क्या तुम आओगे?
















8 comments:

  1. आत्मा को झकझोरने वाली, बेहद सुंदर कविता।

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  2. काश!शिव आजाते ,कर जाते तांडव
    खोलकर नयन तीजा भस्म करते कल्मष,
    होजाती मुक्त धरा,कलयुग के पापों से,
    होती फिर सृष्टि नईकुछ नूतन नियमों से

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  3. दिल को छू लेने वाली रचना है

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